सरकार का बड़ा कदम, समग्र आईडी और आधार से लिंक होगा सरकारी कर्मचारियों का डेटा!
मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के डेटा को समग्र आईडी और आधार से जोड़ा जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य कर्मचारियों की वेतन प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
वित्त विभाग के अनुसार, यह प्रक्रिया फरवरी 2025 तक पूरी की जाएगी। इस कदम से न केवल कर्मचारियों का डेटा सुरक्षित होगा, बल्कि भविष्य में उनका वेतन आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के माध्यम से सीधा उनके खातों में पहुंचेगा।
समग्र आईडी और आधार इंटीग्रेशन प्रक्रिया
मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी सरकारी कर्मचारियों के डेटा को इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (IFMIS) के तहत समग्र आईडी और आधार से लिंक किया जाएगा।
पहले चरण में नियमित सरकारी कर्मचारियों के डेटा को सत्यापित कर समग्र आईडी और आधार से जोड़ा जाएगा। इसके बाद, संविदा, मानदेय और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का डेटा भी लिंक किया जाएगा। यह प्रक्रिया सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और कर्मचारियों के लिए लाभ उठाने में आसानी सुनिश्चित करेगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए समग्र पोर्टल पर आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
डुप्लीकेट समग्र आईडी हटाने का अभियान
वर्तमान में मध्य प्रदेश में 10.5 करोड़ समग्र आईडी हैं, लेकिन इनमें से कई डुप्लीकेट हैं। इन्हें हटाने के लिए समग्र आईडी का e-KYC अनिवार्य किया गया है। जुलाई से सितंबर 2023 तक एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें नागरिकों की समग्र आईडी को आधार से लिंक किया गया। हालांकि, इस अभियान में केवल 43.2 प्रतिशत नागरिकों की e-KYC प्रक्रिया पूरी हो पाई।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि e-KYC प्रक्रिया पूरी न होने पर नागरिक सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत
16 दिसंबर 2023 से सरकारी कर्मचारियों के डेटा का सत्यापन शुरू हो चुका है। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि 28 फरवरी 2025 तक सभी कर्मचारियों की समग्र आईडी और आधार का इंटीग्रेशन पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रक्रिया को मॉनिटर करने के लिए IFMIS लॉगिन पर बजट नियंत्रण अधिकारी और आहरण संवितरण अधिकारियों को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी।