MP में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा अलर्ट! E-KYC नहीं तो रुकेगी सैलरी
मध्यप्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ई-केवाईसी (E-KYC) अनिवार्य कर दिया है। पहले यह प्रक्रिया केवल आम जनता के लिए सीमित थी, लेकिन अब सभी सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को 28 फरवरी 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस नए निर्देश का मुख्य उद्देश्य समग्र आईडी और आधार को आपस में लिंक कराकर सरकारी वेतन प्रणाली को और पारदर्शी बनाना है।
वित्त विभाग का निर्देश
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सभी विभागों, संभागायुक्तों और जिलाधीशों को पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य होगी। इसके तहत:
- कर्मचारियों को अपनी समग्र आईडी को आधार कार्ड से लिंक करना होगा।
- वेतन पाने वाले बैंक खातों को भी आधार से जोड़ना अनिवार्य है।
- समग्र पोर्टल के माध्यम से आधार लिंकिंग के बाद ही IFMIS प्रणाली पर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होगी।
वेतन में आ सकती है अड़चन
सरकार ने साफ किया है कि 28 फरवरी 2025 की समयसीमा तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी न करने पर वेतन में देरी हो सकती है। ई-केवाईसी न होने पर वेतन सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर नहीं होगा। यह निर्देश सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू है, चाहे वे नियमित हों या संविदा पर काम कर रहे हों।
ये कर्मचारी भी होंगे शामिल
यह नियम सिर्फ नियमित सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। संविदा कर्मचारियों, दैनिक वेतनभोगियों और अन्य श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को भी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ई-केवाईसी प्रक्रिया क्यों है जरुरी?
ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य बनाने का मुख्य उद्देश्य वेतन प्रणाली में सुधार लाना और सरकारी योजनाओं की तरह वेतन वितरण में भी आधार आधारित सत्यापन को सुनिश्चित करना है। IFMIS प्रणाली अब वेतन को आधार के माध्यम से सीधे खातों में ट्रांसफर करती है।
समग्र पोर्टल के जरिए समग्र आईडी और आधार को जोड़ना इस प्रक्रिया का सबसे अहम हिस्सा है। यदि यह प्रक्रिया समयसीमा के भीतर पूरी नहीं की जाती है, तो वेतन वितरण बाधित हो सकता है।