समग्र आईडी को आधार से करें eKYC और खसरा सत्यापन, जानें पूरी प्रक्रिया
मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों की समग्र आईडी का आधार से ई-केवायसी शत-प्रतिशत कराने के लिए एक विशेष अभियान की घोषणा की है। यह अभियान 1 से 15 मार्च 2024 तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों की जानकारी का आधार कार्ड के साथ मिलान कराकर सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करना है। इसके साथ ही, भू-स्वामी द्वारा आधार सत्यापित समग्र आईडी को राजस्व भू-अभिलेख (खसरे) से लिंक करना भी प्राथमिकता में रखा गया है।
समग्र आईडी का आधार से eKYC कैसे करें
समग्र आईडी का आधार से ई-केवायसी का कार्य एमपी ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के कियोस्क, और लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अलावा, नागरिक सीधे समग्र पोर्टल (samagra.gov.in) और समग्र मोबाइल ऐप के माध्यम से भी यह प्रक्रिया कर सकते हैं। प्रक्रिया के दौरान, नागरिकों की जानकारी का सत्यापन उनके आधार और समग्र आईडी के विवरण के आधार पर किया जाता है। जैसे ही समग्र और आधार की जानकारी का शत-प्रतिशत मिलान हो जाता है, ई-केवायसी प्रक्रिया अपने आप पूरी हो जाती है।
समग्र आईडी और आधार जानकारी में अंतर होने पर क्या करें?
यदि समग्र आईडी और आधार के विवरण में कोई अंतर होता है, तो इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ग्राम पंचायत या वार्ड प्रभारी द्वारा सत्यापन कराया जाता है। आधार में त्रुटि होने पर, ई-केवायसी करने से पहले आधार को सही करवाना आवश्यक होता है।
ई-केवायसी प्रक्रिया का खर्च
समग्र आईडी का आधार से ई-केवायसी पूरी तरह से नि:शुल्क है। हालांकि, कियोस्क एजेन्सी को प्रत्येक सफल ट्रांजेक्शन के लिए 18 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन एमपीएसईडीसी द्वारा भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, समग्र धारकों की सूची पोर्टल पर उपलब्ध होती है, जिससे नागरिक अपने इलाके के अनुसार ई-केवायसी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
भू-स्वामी और खसरे का आधार सत्यापित समग्र से लिंकिंग
समग्र पोर्टल पर एक अलग माड्यूल के माध्यम से केवल ई-केवायसी सत्यापित समग्र आईडी को भूमि से जोड़ने के लिए अनुरोध दर्ज कराया जा सकेगा। यह प्रक्रिया भी एमपी ऑनलाइन, CSC कियोस्क, और लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से की जा सकती है। प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है। इसके बाद पटवारी द्वारा सत्यापन के बाद 6 रुपये प्रति खाता कियोस्क एजेन्सी को भुगतान किया जाएगा।
अभियान के तहत क्या किया जाएगा?
इस अभियान के तहत जिला स्तर पर कार्य योजना बनाई जाएगी और प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों को ई-केवायसी प्रक्रिया के लिए प्रेरित किया जाएगा। कलेक्टर कार्यालय द्वारा कैंप स्थलों का चयन किया जाएगा और प्रचार के माध्यम से नागरिकों को इन्हें लेकर जानकारी दी जाएगी। साथ ही, जिन नागरिकों का ई-केवायसी पहले ही हो चुका है, उन्हें दोबारा प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।
तकनीकी सहायता और समन्वय
इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या उत्पन्न होने पर नागरिक [email protected] पर ई-मेल भेज सकते हैं या हेल्प डेस्क नंबर 0755-2700800 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, कियोस्क एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए राजेश गुर्जर (एमपी ऑनलाइन) और मनीष बादल (CSC) के संपर्क विवरण भी दिए गए हैं।