मध्य प्रदेश में सरकारी योजनाओं का बड़ा बदलाव! अब समग्र ई-केवाईसी के बिना नहीं मिलेगा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में चल रही सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लिए समग्र ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
समग्र ई-केवाईसी क्या है?
अब कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने या सेवाओं का उपयोग करने के लिए अपनी समग्र आईडी को ई-केवाईसी से सत्यापित करना होगा। यह नियम सभी सरकारी विभागों पर लागू होगा, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे पात्र लाभार्थियों तक पहुंच सके।
तकनीकी बदलावों के निर्देश
सभी विभागों को अपने वेब एप्लिकेशन में आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए, विभागों को एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPSEDC) की मदद लेनी होगी। इसके तहत लाभार्थियों को उनकी समग्र आईडी के माध्यम से पंजीकरण और आवेदन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
सीधे लाभ और धोखाधड़ी में कमी
इस नई प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं और योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाना है। ई-केवाईसी सत्यापन के बाद नागरिकों को बार-बार दस्तावेज जमा नहीं करने होंगे। इससे न केवल समय और श्रम की बचत होगी, बल्कि धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी।
MPSEDC की एपीआई से प्रक्रिया होगी आसान
सरकार ने सभी विभागों को अपने पंजीकरण फॉर्म और आवेदन प्रक्रियाओं को इस प्रकार डिज़ाइन करने का निर्देश दिया है कि आधार-ई-केवाईसी सत्यापित समग्र आईडी से आवश्यक जानकारी स्वतः प्राप्त हो सके। इसके लिए MPSEDC द्वारा उपलब्ध कराई गई API का उपयोग किया जाएगा।
जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश
उन विभागों को, जिनकी योजनाएं अभी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं, जल्द से जल्द ऑनलाइन सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, जिला स्तर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आने वाले सभी लाभार्थियों की समग्र आईडी का ई-केवाईसी सत्यापन अनिवार्य रूप से हो।
पारदर्शिता और कुशलता में वृद्धि
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों के लिए योजनाओं का लाभ पाना आसान हो जाएगा। इससे सरकारी प्रणाली में सुधार होगा और भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।